शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मिटने वालों का बाकी यही निशाँ होगा
जब से पता चला है के मरने में है ज़िन्दगी
सर पर कफ़न बांधे, कातिल को ढूंढते हैं
Kartar Singh Sarabha
Dhoondta phirta hoon main, ai Iqbal, apney aap ko
aap hee goya musaafir, aap hee manzil hoon main
हमें दुनिया की सरहदों से क्या मतलब
हमारा पैगाम मोहबत है जहां तक पहुंचे
(सरदार जाफरी)
हज़ारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदार पैदा
Thursday, February 18, 2010
Hindi collection
at 11:41 PM
Labels: Collection
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